देश की बेटी और बहादुर सैनिक कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई शर्मनाक टिप्पणी पर भाजपा की चुप्पी का आखिर कारण क्या है

पटना ( एम ए न्यूज )
बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह के द्वारा देश की बेटी और बहादुर सैनिक कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई शर्मनाक टिप्पणी और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज करने के आदेश को संवैधानिक अधिकार के प्रति एक बेहतर कदम बताया और कहा कि न्यायिक व्यवस्था से ऐसे लोगों को सजा जरुर मिलनी चाहिए जो देश के अंदर माहौल खराब करना चाहते हैं।
एजाज ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई से लेकर केंद्रीय स्तर तक के नेताओं की चुप्पी से यह स्पष्ट होता है कि देश के सैनिकों के मनोबल को गिराने वाली बातों पर भाजपा गंभीर नहीं है।जबकि इस तरह की टिप्पणी पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की भाषा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। और ऐसी भाषा अलगाववादी भावना को बढ़ाने वाला और नफरत की भाषा को प्रोत्साहित करने वाला है ,जो देश की एकता और अखंडता तथा संप्रभुता के लिए खतरा पैदा कर सकता है। इस तरह के मामले पर भाजपा आखिर बोलने से बच रही है और क्यों नहीं अपने मंत्री पर कार्रवाई कर रही है। आखिर क्या कारण है की कर्नल सोफिया जैसी बहादुर सेनानी के शौर्य की प्रशंसा के बजाय भाजपा के नेता उन पर ऐसी शर्मनाक टिप्पणी कर रहे हैं ,जो कहीं से उचित नही है।
एजाज ने आगे कहा कि इस तरह से भाजपा के मंत्री का बयान संस्थाओं और सामाजिक ताने-बाने पर भी चोट करता है और देश के सैनिकों के बलिदान और उनके द्वारा पाकिस्तान के दांत खट्टे करने में अपनी महती भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया के संबंध में जिस तरह की टिप्पणी की है यह सेना के मनोबल को गिराने वाला और भारत के संविधान के खिलाफ दिया गया बयान है।
इन्होंने कहा लगातार इस तरह के बयान भाजपा के नेता और मंत्रियों के द्वारा एजेंडा की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए और राजनीतिक लाभ लेने के लिए दिया जाता है और ऐसे बयान वीर नेताओं पर भाजपा कार्रवाई की जगह चुप्पी साथ लेती है।
एजाज ने आगे कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा की गई टिप्पणी को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि जिस तरह से माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्तियों को इस तरह के बयानों से बचने तथा एक-एक शब्दों का ख्याल रखकर बयान देने की जो बात की है या देश के इतिहास में उन लोगों के लिए सबक है जो संवैधानिक पद पर बैठकर के ध्रुवीकरण की राजनीति के लिए धर्म विशेष के खिलाफ वैसी भाषा इस्तेमाल करते हैं जो संविधान और संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने और मनोबल को गिराने वाली टिप्पणियां होती है। विजय शाह के मामले पर ना तो मध्य प्रदेश सरकार की ओर से और ना ही भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से किसी तरह की कार्रवाई की गई है। और ना ही उनसे कारण पृक्षा पूछा गया है इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा कैसी राजनीति को देश में बढ़ावा दे रही है। जबकि भाजपा को अब तक उन्हें पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए था।
(एजाज अहमद )
प्रदेश प्रवक्ता,
राष्ट्रीय जनतादल, बिहार